Sunday 26 January 2014

टपकारा उत्तराखंडी सुपर गीतों कि एल्बम जिसे आवाज दी उत्तराखंड के गढ़रत्न लोक गायक श्री नरेंद्र सिंह नेगी

 टपकारा उत्तराखंडी सुपर गीतों कि एल्बम जिसे आवाज दी उत्तराखंड के गढ़रत्न लोक गायक श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी और गढ़रत्न लोक गायिका अनुराधा निराला जी !नेगी जी का बहुत पुरानी गीतों की एल्बम है,इस एल्बम के गीत जो उस समय बहुत ही प्रचलित हुए थे औरआज भी जब इन गीतों की धुन कानों सुनाई पड़ती है तो आप जानते ही है अगर आप नेगी जी और गढ़वाली गीतों के प्रशंक हैं!

 चूलहु जागोंदी बगत आई,चुलहु जागोंदी बगत आई,कभी चुलहु मुझौन्दी बगत आई चुलहु मुझौन्दी बगत आई!
नि घुटेयी फैर गफा,तुमरी याद खांदी बगत आई,नि घुटेयी फैर गफा,तुमरी याद खांदी बगत आई तुमरी याद खांदी बगत आई !!
द्यु जगोंदी बगत आई,द्यु जगोंदी बगत आई,कभी द्यु मुझौन्दी बगत आई,कभी द्यु मुझौन्दी बगत आई!
नि घुटेयी फैर गफा,तुमरी याद खांदी बगत आई,नि घुटेयी फैर गफा,तुमरी याद खांदी बगत आई तुमरी याद खांदी बगत आई !!
नयलदी गोड़दी बैर कभी,नयलदी गोड़दी बैर कभी,कभी लौंदी डाँ सारियों मा,कभी यखुली यखुली छाजा मुड़ी गेंहूं छजोंदी बगत आई!
नि घुटेयी फैर गफा,तुमरी याद खांदी बगत आई,नि घुटेयी फैर गफा,तुमरी याद खांदी बगत आई तुमरी याद खांदी बगत आई !
द्यु जगोंदी बगत आई,द्यु जगोंदी बगत आई,कभी द्यु मुझौन्दी बगत आई,कभी द्यु मुझौन्दी बगत आई!
रूडी भमाण दिनों मा कभी,कभी लम्बी ह्यूंद रातियों मा चौमास आंदी बगत आई कभी लम्बी ह्यूंद रातियों मा चौमास आंदी बगत आई!
नि घुटेयी फैर गफा,तुमरी याद खांदी बगत आई,नि घुटेयी फैर गफा,तुमरी याद खांदी बगत आई तुमरी याद खांदी बगत आई !
चुलहु जागोंदी बगत आई,चुलहु जागोंदी बगत आई,कभी चुलहु मुझौन्दी बगत आई चुलहु मुझौन्दी बगत आई!
होल जांदा हालियों देखि अभी,कभी घर बौड़ा सिपाईयों देखिकभी बाटा बिर्डीआं बटोई बाटू बतांदी बगत आई !

नि घुटेयी फैर गफा,तुमरी याद खांदी बगत आई,नि घुटेयी फैर गफा,तुमरी याद खांदी बगत आई तुमरी याद खांदी बगत आई!!
द्यु जगोंदी बगत आई,द्यु जगोंदी बगत आई,कभी द्यु मुझौन्दी बगत आई,कभी द्यु मुझौन्दी बगत आई!
दूर यख परदेश मा लगणी छः खुद बाकि बाता की,कभी बडुली थमादि बैर कभी कभी आंसू लुक़ोंदी बगत आई!
नि घुटेयी फैर गफा,तुमरी याद खांदी बगत आई,नि घुटेयी फैर गफा,तुमरी याद खांदी बगत आई तुमरी याद खांदी बगत आई!!
चुलहु जागोंदी बगत आई,चुलहु जागोंदी बगत आई,कभी चुलहु मुझौन्दी बगत आई चुलहु मुझौन्दी बगत आई!!


यम यस जाखी 



1 comment:

  1. वाह! बहुत मजा आया ...
    लिखना क्यों छोड़ दिया ...
    लिखते रहो भैया ...

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