इस गाने मैं नेगी जी ने एक गढ़वाली बेटी की भावनाओं की कल्पना की है की वो शादी के बाद कैसे अपने मैत के यादों मैं ये कल्पना करती है जब फाल्गुन का महिना ख़तम हो जाता है और चैत का महिना शुरू हो जाता है तब घुघूती की सुरेली आवाज उन डांडी कांठियों मैं गूंजती है उस घुघूती की सुरीली अवाज्को सुनकर बेटी ब्वारियों को अपने मैत की खुद लगाती हैं वो अपने मैत से आने वाले रैबार का इन्तजार करती रहती हैं और उस चैत के महीने मैं गाँव मैं बेटी ब्वारियों को कहीं दूर जब घुघूती की सुरीली आवाज सुनाई देती है तो तब उनें इस गाने को गाया गया है
घुगुती घुरोण लागी म्यार मैत की
बौडी बौडी आयी गे ऋतू , ऋतू चेत की
डांडी कांठियों को हूए, गौली गए होलू
म्यारा मेता को बोन , मौली गए होलू
चाकुला घोलू छोडी , उड़ना हवाला
बेठुला मेतुदा कु , पेताना हवाला
घुगुती घुरोण लागी हो ......................
घुगुती घुरोण लागी म्यार मैत की
बौडी बौडी आयी गे ऋतू , ऋतू चेत की
ऋतू, ऋतू चैत की, ऋतू, ऋतू चेत की
डान्दियुन खिलना होला , बुरसी का फूल
पथियुं हैसनी होली , फ्योली मोल मोल
कुलारी फुल्पाती लेकी , देल्हियुं देल्हियुं जाला
दग्द्या भग्यान थडया, चौपाल लागला
घुगुती घुरोण लागी म्यार मैत की
बौडी बौडी आयी गे ऋतू , ऋतू चेत की
ऋतू, ऋतू चैत की, ऋतू, ऋतू चेत की
तिबरी मा बैठ्या हवाला, बाबाजी उदास
बतु हेनी होली माजी , लागी होली सास
कब म्यारा मैती औजी , देसा भेंटी आला
कब म्यारा भाई बहनों की राजी खुशी ल्याला
घुगुती घुरोण लागी म्यार मैत की
बौडी बौडी आयी गे ऋतू , ऋतू चेत की
ऋतू, ऋतू चैत की, ऋतू, ऋतू चेत की
ऋतू, ऋतू चैत की, ऋतू, ऋतू चेत की
ऋतू, ऋतू चैत की, ऋतू, ऋतू चेत की
ऋतू, ऋतू चैत की, ऋतू, ऋतू चेत की
बहुत सुन्दर! क्या मुझे यह घुघूती का फोटो मिल सकता है? मैं ५से अपने ब्लॉग पर उपयोग करना चाहती हूँ। आभार सहित, घुघूती बासूती ghughutibasuti at gmail .com
बहुत सुन्दर! क्या मुझे यह घुघूती का फोटो मिल सकता है? मैं ५से अपने ब्लॉग पर उपयोग करना चाहती हूँ। आभार सहित,
ReplyDeleteघुघूती बासूती
ghughutibasuti at gmail .com